आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) एक उभरता हुआ क्षेत्र है, जिसने पिछले कुछ वर्षों में व्यापक रूप से अपनी प्रभावशीलता का प्रदर्शन किया है। आजकल, AI लगभग हर क्षेत्र में उपयोगी होता जा रहा है, चाहे वह संगणक विज्ञान, डेटा विज्ञान, रोबोटिक्स, महान मशीन या अन्य किसी विषय में हो। लेकिन, बड़े स्तर पर यह कहा जा रहा है कि आने वाले 10 सालों में AI अपने अभियांत्रिकी तकनीक को मजबूत करके 90% लोगों की नौकरियां खा जाएगा। इसका असर आम आदमी पर क्या पड़ेगा, इसकी चर्चा आज हम करेंगे।
एक बात स्पष्ट है कि AI की सकारात्मक प्रभावशीलता बहुत ही शक्तिशाली हो सकती है। आधुनिक तकनीक और अभियांत्रिकी के विकास के साथ, AI की क्षमताओं में भी वृद्धि हुई है। कुछ विशेषज्ञों के मुताबिक, AI उद्योगों में मानवों के खालीपन को भरने के लिए महत्वपूर्ण रूप से योगदान कर सकता है। वहां कई क्षेत्र हैं जहां AI का उपयोग किया जा रहा है जैसे डेटा एनालिसिस, निर्माण, स्वास्थ्य सेवाएं, खुदरा व्यापार, बैंकिंग, अग्रिम निर्धारण और चिकित्सा इत्यादि। इन क्षेत्रों में AI के लागू होने से कई पारंपरिक कार्यों को अद्यतन करने, सुधारने और अधिक समय की बचत होती है।
पूरी दुनिया में ख्वाहिश पाई जा रही थी कि भविष्य में AI की उपयोगिता का समय आ गया है, लेकिन इस पर अंधेरा छाया हुआ जब कोरोनावायरस (COVID-19) ने दुनियाभर में व्यापारों को तबाह कर दिया। न केवल कंपनियां बंद हो गईं, बल्कि सौंपे गए कुछ नौकरी मौके भी नष्ट हो गए। वर्ष 2020 ने हमें एक ऐसी सच्चाई पर विचारधारा देने के लिए मजबूर कर दिया कि हमारी नौकरियां खतरे में हो सकती हैं, आखिरकार उन पर हमारी निर्भरता काफी कुछ ही है।
आने वाले 10 वर्षों में AI की वृद्धि और प्रभावशालीता के प्रतीक्षाओं के बीच बड़े प्रश्न खड़े होंगे। क्या आम आदमी की नौकरी इस तकनीकी उन्नति का शिकार होगी? क्या कोई भी संघर्षहीन अटलजी या उपाय हो सकता है जिससे भविष्य की असुरक्षितता बचाई जा सके? शुरुआत में, यह अविश्वसनीय लगता है, लेकिन नए कार्य क्षेत्र इथिक और मनुष्य के महत्वपूर्ण पहलुओं को समझ कर AI के नए समाधान को प्रोत्साहित कर सकते हैं। शिक्षक, मानव संसाधन प्रबंधक, संबंध प्रेमी, आप्रवासी कार्यकर्ता और सामान्य कार्यकर्ता आदि ही ऐसे स्थानों में काम कर सकते हैं जहां AI पूरी तरह से उपयोगी नहीं है या जिसमें सशक्त मानव सामरिकता और विचारशीलता का खास महत्व होता है।
इसके अलावा, AI की उपयोगिता की चर्चा करते समय, प्रतिष्ठित विचारधाराओं, नीति निर्माताओं, विशेषज्ञों और सार्वजनिक क्षेत्र के नेताओं की भूमिका भी महत्वपूर्ण होती है। उन्हें AI के प्रभावित क्षेत्रों के लिए राष्ट्रीय नीतियों एवं कानूनों को विकसित करने में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए, ताकि उन्हें इस प्रभावशाली तकनीक को परीक्षण और कंट्रोल करने का सही तरीका मिल सके।
इतने छोटे अंतराल में यह मानना मुश्किल हो सकता है कि AI और अभियांत्रिकी का सबसे बड़ा प्रभाव हासिल करेगा। हालांकि, हमें सतर्क रहना चाहिए और इस विषय पर गहरी चर्चा करनी चाहिए, क्योंकि स्पष्ट है कि AI द्वारा नौकरी समाधान के साथ हमें मौखिक और अनुभवी कौशल की आवश्यकता होगी। तकनीक की यह प्रगति आम जनता को नई नौकरियों और तरीकों की सृजनात्मकता के लिए भी खुला दरवाजा देगी और हमें आपसी सहयोग, शिक्षा की आवश्यकता और मौखिक क्षमता बढ़ाने की जरूरत होगी।