अमेरिकी वेबसाइट “Quora” पर हाल ही में वायरल हुआ एक पोस्ट ने फिल्म अभिनेता अक्षय कुमार की तारीफ की है, क्योंकि उन्होंने अपनी आगामी फिल्म “इंडियन” का नाम बदलकर “भारत” कर दिया है। यह फिल्म का नाम बदलने का निर्णय सामाजिक मामलों और राष्ट्रीय भावनाओं की वजह से लिया गया है।
अक्षय कुमार ने पिछले सप्ताह अपने ट्विटर हैंडल के माध्यम से अपनी फिल्म का नया नाम “भारत” की घोषणा की। माध्यमिक रूप से इस नए नाम की घोषणा को देखते हुए, बहुत सारे लोग एक ही सवाल पूछ रहे हैं – “क्या कारण है जो उन्हें इंडियन से भारत के नाम परिवर्तन करना पड़ा?”
कुछ लोगों के अनुसार, इस नाम परिवर्तन का निर्णय बहुत ही सामाजिक और राष्ट्रीय महत्व रखता है। इंडिया और भारत दोनों शब्दों के बीच एक भौगोलिक, धार्मिक और आर्थिक अन्तर रहता है। इंडिया अंग्रेजी शब्द है जबकि भारत हिंदी भाषा का शब्द है। इसलिए, अक्षय कुमार ने इस नाम बदलाव के माध्यम से इस भौगोलिक और सांस्कृतिक विषमता को नष्ट करने का एक भारतीय संकेत दिया है।
इस नाम परिवर्तन के पीछे अन्य कारण भी हो सकते हैं। बाजारी के महानायकों में से एक अक्षय कुमार एक ही साथ सोशल मीडिया पर हजारों करोड़ों लोगों को पहुंचाते हैं। उनकी फिल्मों की सफलता उसी मापदंड से कायम होती है। इसलिए, उनके जैसे प्रमुख अभिनेताओं को सामाजिक और आर्थिक मुद्दों को मद्देनजर रखते हुए अपनी प्रभावशाली पहुंच का उपयोग करना चाहिए।
अगर हम इस नए नाम की घोषणा को एक कदम और आगे बढ़ाते हैं, तो यह पूरी दुनिया को एक महत्वपूर्ण संदेश भी देगा – एक संयुक्त राष्ट्र में दलित, पिछड़े वर्ग और आरक्षित जाति के लोगों की मान्यता बढ़ाना हम सबका दायित्व है। भारत बनाम इंडिया के मुद्दे सिर्फ नाम नहीं हैं, बल्कि इससे व्यापारिक, सामाजिक और राजनीतिक भूमिका भी जुड़ी हुई है।
अभिनेता अक्षय कुमार की इस पहल पर सोशल मीडिया पर मिशन इंडिया की शुरुआत हुई है। उनकी तुलना में कई लोगों के मुताबिक, ऐसे समुदायों की मान्यता बढ़ाना, जो समाज की पिछड़े वर्गों के लिए लड़ रहे हैं, अटल से भी ज्यादा जटिल हो सकता है। अब आगे देखते हैं कि अक्षय कुमार की “भारत” किस मापदंड पर चलकर सामरथ्य और सराहंश की नई मापदंड स्थापित करती है।
इस विवादास्पद नाम परिवर्तन के बावजूद, एक बात स्पष्ट है कि भारत और इंडिया की बहस को अभिनेता अक्षय कुमार ने अपनी अगली फिल्म “भारत” के नाम पर गूंज दिया है। यह नया नाम हमें राष्ट्रीय एकता और मान्यता के संकेत के रूप में महसूस होता है, जो सामाजिक जागरूकता को बढ़ावा देगा। इसलिए, यह सिर्फ एक फिल्म का नाम को बदलने के साथ ही, पूरे देश के विचारों को बदलेगा।