देश में चर्चा का विषय बनने वाले आयकर विभाग का क्या कहना है, यह बात वास्तविकता है. जब भी हमारे दिमाग में आयकर विभाग की बात आती है, तो हम कुछ प्रकार से घबराहट का अनुभव करते हैं. यह घबराहट सिर्फ आम लोगों में नहीं होती है, बल्कि यह बेहद सफलतापूर्वक काम कर चुके अमिताभ बच्चन जैसे मशहूर अदाकारों के मन में भी उभरती है.
आमतौर पर, जब हमें समय-समय पर अपनी कमाई पर आयकर देने के लिए बुलाया जाता है, तो हमेशा हमारे मन में एक सवाल उठता है कि यह आयकर विभाग के लोग हमारे धन को लूटने के लिए तैयार हैं या केवल विधि के माध्यम से उचित कर वसूली कर रहे हैं. इस सवाल के कारण आयकर विभाग का नाम सुनते ही हमारा ‘हवा पानी सब बंद हो जाता है’.
इसीलिए, अगर एकमात्र अमिताभ बच्चन जैसे बड़े नाम का अदाकार आयकर विभाग का नाम सुनते ही घबरा जाते हैं, तो यह समझना भी आवश्यक है कि क्या आसानी से घबराना गलत है या अदाकारों का यह चिंता प्रायः सही है.
आयकर विभाग का मुख्य उद्देश्य यह है कि जिस भी नागरिक के पास कमाई हो, वह अपना योगदान देश के विकास में दे सके. इसलिए, वे सचमुच महत्वपूर्ण कार्य करते हैं. हालांकि, कुछ मामलों में जब वे बिना किसी वजह के लोगों को परेशान करने की बात करते हैं, तो इसका प्रभाव अदाकारों पर भी असर करता है.
अमिताभ बच्चन ने हाल ही में एक शो के दौरान आयकर विभाग के संबंध में एक संकेत दिया. उन्होंने कहा, “जब भी मैं आयकर विभाग का नाम सुनता हूं, तो हवा पानी सब बंद हो जाता है.” यह कथित बयान वह अभिनंदन को देखते हैं, जिससे आयकर विभाग ने विद्यार्थियों और मरीजों के लिए सत्यापित परीक्षण करने वाले केंद्रों में केवल कुछ व्यक्तियों का चयन करने का प्रश्न उठता है.
अदाकार ने इस बात का खुलासा किया है कि उनका आवास भी बार-बार तहस-नहस हो जाता है जब आयकर विभाग के कर्मचारी संपत्ति की जांच करने आते हैं. हालांकि, वह बताते हैं कि वे आयकर विभाग के साथ सहयोगी रहे हैं और निरंतर अपने कर्तव्यों का पालन कर रहे हैं.
जबकि अमिताभ बच्चन की बातें आयकर विभाग के लिए शिकायत करने के रूप में दिख सकती हैं, यह साफ नहीं है कि वे केवल अपने पुरस्कारों और अच्छे काम के बावजूद क्यों भी महसूस करते हैं. ऐसा मानना शायद गलत होगा कि उन्हें चुटकुलों के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है.
आयकर विभाग का कार्य कठिन हो सकता है, लेकिन यह निश्चित रूप से आवश्यक है. हम सभी यदि सही समय पर आयकर देंगे, तो हम देश के विकास को समर्पित कर सकते हैं. इसलिए, हमारे पास प्रश्न नहीं करने, बल्कि सही एकाउंटिंग के माध्यम से अपनी आर्थिक गतिविधियों को ठीक से शेष करना चाहिए.