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राधा कृष्ण की मूर्ति घर में रखने से पहले इन बातों का रखें विशेष ध्यान, नहीं तो परेशानी झेलनी पड़ सकती है।

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Radha Krishna


भारतीय संस्कृति में पूजा-अर्चना बहुत महत्वपूर्ण हांसिल की हुई है। यह एक परंपरा है जो हमें आत्मा के मार्ग में मार्गदर्शन करती है और हमें परमात्मा से जोड़ती है। घरों में भगवान की मूर्ति रखना एक ऐसा प्रथम आकर्षक एवं महत्वपूर्ण कार्य है जिसे हमें अपने ह्रदय से दिलचस्पी लेनी चाहिए।

राधा-कृष्ण की मूर्ति हमारी पूजा केंद्र बनकर सदैव हमारे जीवन को सशक्त और सफल बनाए रखती है। इसलिए, राधा-कृष्ण की मूर्ति को घर में रखने से पहले हमें इन बातों का विशेष ध्यान देना चाहिए। यदि हम ये मार्गदर्शनों को नहीं मानते हैं, तो हमें निराशा, दुर्भाग्य और परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

1. पवित्रता का ध्यान रखें: राधा-कृष्ण की मूर्ति को रखने से पहले हमें निर्मल मन और निर्मल हृदय से यह सोचना चाहिए कि यह आनंदमय आत्मा का आवास होगा। इसलिए, हमें मूर्ति की पवित्रता का लाभ लेने के लिए साफ-सुथरे वातावरण बनाना चाहिए।

2. स्थान की परामर्श में सवाल करें: मूर्ति को स्थान पर रखने से पहले, हमें पंडित, धर्मगुरु या धर्मसंस्थापक से सलाह लेनी चाहिए। उन्हें हमारे घर के वास्तु-शास्त्र के अनुसार आवश्यक बातें बातने चाहिए और स्थान का उचित चयन करना चाहिए।

3. प्रार्थना का स्थान बनाएँ: राधा-कृष्ण की मूर्ति को रखने के बाद, हमें उनके लिए एक उचित स्थान निर्धारित करना चाहिए। इसे हमेशा ऐसे स्थान पर रखना चाहिए जहां वे सुरक्षित और सुखी रह सकें।

4. देखभाल करें: एक बार मूर्ति को स्थापित करने के बाद, हमें उनकी निरंतर देखभाल करनी चाहिए। इसका मतलब है कि हमें उनका समय-समय पर पूजन और सेवा करनी चाहिए। हमें यह याद रखना चाहिए कि भगवान की मूर्ति सिर्फ एक वस्त्र नहीं, वे हमारे आदर्श और प्रेरणा का प्रतिष्ठान हैं।

5. अपवित्र योजना से बचें: कभी-कभी हम अपवित्र योजना का शिकार हो जाते हैं जो हमें और हमारे परिवार को परेशान कर सकती है। इसलिए, हमें राधा-कृष्ण की मूर्ति को सुरचित स्थान पर रखकर, समय-समय पर उनके ईश्वरीय आस्तर का चयन करते हुए उनके आगमन और विसर्जन में सतर्क रहना चाहिए।

इसलिए, राधा-कृष्ण की मूर्ति को घर में स्थापित करने से पहले हमें इन सावधानियों का ध्यान रखना चाहिए। यह हमें अपार आनंद और प्रेम का अनुभव करने में मदद करेगा। हमें यह समझना चाहिए कि हम राधा-कृष्ण के आदर्श को पूरी तरह से प्रमाणित करने के लिए उनके साथ में रहकर अच्छाई और न्याय का पालन करने के लिए प्रयासरत रहें। इससे न केवल हमारे जीवन में आनंद और खुशियाँ बढ़ेंगी, बल्कि हम समाज को भी अधिक उत्कृष्ट बनाने में सहायता करेंगे।