MTV के प्रसिद्ध शो ‘Roadies’ का 19वां संस्करण धूमधाम से शुरू हुआ है। खबरें कह रही हैं कि जो शुरुआत में ही ये शो अपने अलग ही रंग में है। इससे जुड़ी घटनाओं ने अपने पूरे धारण को हिलाकर रख दिया है। शो के प्रमुख इलाके अब तकी दवायों के पास रातों-रात से गायब हो गए हैं। सबसे अच्छी बात ये है कि गायबी की जिम्मेदारी शो के स्टार, बॉलीवुड अभिनेता सोनू सूद को दी जाती है। ये घटनास्थल सभी दर्शकों को मनोवांछित मुद्रा में ले जाकर उबाऊ कर देती है।
हाल ही में हुआ एक ऐसा अद्वितीय इंसीडेंट, जिसने सोनू सूद की एक अद्भुत मंचस्पश्ट कर दी है। तीनों गैंग लीडर – नेहा धूपिया, निखिल चिंतानी और राज़ा मुराद ने शो के एक उल्लेखनीय चुनौती में 5 कंटेस्टेंट्स को गायब कर दिया था। आरोप लगते ही उन्होंने अपनी बात साबित करने के लिए प्रतिस्पर्धी स्वरूप सोनू सूद का सहारा लिया। जर्नलिस्ट्स के इस पूछताछ में उन्होंने कहा कि सोनू सूद उन्हें इस अवस्था को सुलझाने के लिए मदद करने के लिए एक पृथक प्लेटफॉर्म हैं।
इस अद्वितीय मुद्दे के हल और अदालत के कुछ आदेश के बाद ही, मशहूर अभिनेता जुडें हुए शो से हटा दिए गए। बचे हुए कंटेस्टेंट्स को अब शो की कॉंफ़ार्मिटी डिकी समझाना पड़ेगा। इस घटना ने सोनू सूद के किरदार को भी अद्वितीयता और प्रतिरोधी स्वरूप में बढ़ा दिया है।
मीडिया में हो रहे चर्चे से पता चलता है कि सिर्फ़ गायब कर दिए जाने की समस्या ही नहीं है; बरकरार रहने वाले कंटेस्टेंट्स का जीना अब बहुत मुश्किल हो चुका है। वे नहीं समझ पा रहे हैं कि वो किस तरह से शो में बचेंगे। अधिकांश लोग मानते हैं कि सोनू सूद की पहुंच इन छोटी-मोटी परेशानियों में बहुत मददगार हो सकती है। हालांकि, कुछ भी तब तक आदान-प्रदान नहीं हो सकेगी जब तक उस लोगों को गायब कर देने वाला अदिति अरोड़ा मामला समाधान नहीं होता है।
सोनू सूद के इस कार्यक्रम में शामिल होने से लोगों के मन में उम्मीद की किरण जली थी। चुनावी मुद्दे पर बअबत उन्हे गानों की कशिश और इस शो के माध्यम से नाम की महाकाव्या आदान-प्रदान की जरूरत थी। अब ये सब बातें पूरी हवा में उड़ गई हैं। उम्मीद की किरण आब धीरे-धीरे बुझती जा रही है।
सोनू सूद की वजह से शो के दर्शकों को दिए जाने वाले अवधारणाओं की साथी यह खबरें दुखपूर्ण साबित हुई हैं। इंटरनेट पर बड़ी संख्या में प्रशंसा वाले मेम बन गए थे, लेकिन इसकी आधिकारिकता पर कुछ संदेह हो रहा है। इस संदर्भ में कई गोष्ठियों में विचार-विमर्श भी जारी है, जहां एक कहावत पारंपरिक ढंग से आयी है – ‘नेकी और पूछ-ताछ से बड़ी खुदाई नहीं होती।’