जी 20 में भारत, अमेरिका, सऊदी व यूएई को रेलवे सौदे की घोषणा की उम्मीद
जी 20 दुनिया का एक महत्वपूर्ण मंच है जहां 19 विकसित और विकासशील देश और यूरोपीय संघ, यूरोपीय आयोग और अंतर्राष्ट्रीय मोनेटरी कोषद्वारा प्रतिनिधित्व किया जाता है। यह मंच विभिन्न विषयों पर गहन चर्चाओं का आयोजन करके, विश्व अर्थव्यवस्था की सुधार और देशों के सहयोग को बढ़ाने के लिए गठित किया गया है। यह मंच वाणिज्यिक मामलों, वित्तीय प्रणाली, साधारण मानव विकास, इंफ्रास्ट्रक्चर विकास, आपातकालीन स्थितियों, खाद्य सुरक्षा, मुद्रा और विदेशी संचार के प्रश्नों पर विचार-विमर्श करता है।
इस बार के जी 20 की बैठक, जो कि यूएएन महासचिवालय के मुख्यालय प्रदेश में होगी, बड़े ही महत्वपूर्ण विषयों पर तैयारी की जा रही है। इसमें भारत, अमेरिका, सऊदी अरब और संयुक्त अरब इमारत के यूनाइटेड अरब इमारत (यूएई) की भालू की घोषणा की उम्मीद की जा रही है।
गत कुछ वर्षों से भारत, अमेरिका और सऊदी अरब के बीच तीनों देशों के आरएसएस (मेवा) का अवलोकन किया जा रहा है। यह एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है जहां सभी तीनों देशों ने भौगोलिक अवस्था और संदर्भों में अपने अपने रेलवे विपणन की क्षमता को बढ़ाने के लिए संयुक्त तथा संसोधन नीतियों की घोषणा की है।
भारतीय रेलवे, जो देश की सबसे बड़ी निगमित उद्योग है, भौगोलिक रूप से विभाजित है और विभिन्न क्षेत्रों में डिवीजनल अधिकारियों के द्वारा संचालित होती है। इसके साथ ही, यूएई, जिसमें दुबई का भी प्रतिपादन है, एक पश्चिमी भूमि है जहां पहले से ही बहुत अच्छी रेलवे सुविधाएँ हैं। अमेरिका, जो दुनिया की सबसे ऊँची आंकड़े वाली आंतरराष्ट्रिय अर्थव्यवस्था है, विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय रेलवे मार्गों का संचालन करता है।
फिलहाल, आरएसएस की अवधारणा में ब्रह्माण्ड एक एकीकृत क्षेत्र के बैठकों के माध्यम से बढ़ता हुआ माध्यमिकीकरण और निजी संपदा के मंदिर और डी एलटी-सी, सऊदी अरब और उत्तरी अफ्रीका केवल सिर्फ रेलगाड़ी सौदों को ही नहीं, बल्कि भौगोलिक संपादन, विकास के साथ मेवा की उच्च पायलट दोषपूर्ण कम्पनियों के लिए भी नई सौदों को खोलने की उम्मीद है।
इन तीनों देशों के बीच संस्कृति, भौगोलिक अवस्था, आपातकालीन आवश्यकताओं और लोगिस्टिक्स के तात्पर्य को ध्यान में रखते हुए एक ऐसी नौसेना तैयार करने की कोशिश की जा रही है जिसके अंतर्गत कम समय में और अच्छी सेवा प्रदान कर सकें। इन सौदों के माध्यम से उन्हें साथ काम करने का अवसर और इच्छा है कि यह सौदा और भी अधिक विस्थापित हो जाए, जिससे देशों के व्यापार और आर्थिक महत्व को बढ़ाया जा सके।
सार्वजनिक क्षेत्र में यह सौदा बड़े पैमाने पर आपातकालीन आपूर्ति और वक्तव्य पायलट द्वारा रेलवे श्रमिकों द्वारा साधारित करने से उपकृत होगा। मौजूदा प्राप्ति में दिखाई देने वाले बाधानियों और नाकारात्मक पक्ष रेलवे सौदे की नकारात्मकताओं के प्रतिक्रियाओं के पश्चात, ये तीनों देशों के बिच आरएसएस की पुष्टि प्रमाणित करेंगे।
आगामी जी 20 में रेलगाड़ी सौदे की घोषणा की उम्मीद करते हुए, कई संपर्क गारो केंद्र द्वारा रेलगाड़ी सेवाओं की दरों, शर्तों, सामग्री और प्लेटफार्मों की योग्यता के लिए समय-संबंधी अभिनय तत्व जैसे कि व्यापारी के लगन, अधिकांश सामग्री और प्रदर्शन को व्यापार और प्रस्तावित स्व-निधि योजना की आपूर्ति, सबंधता से संबंधित रेगुलेशन के हिसाब से निर्धारित करेगे।
इस पुरे कार्यक्रम से भारत के लिए एक नई उम्मीद का दौर शुरू होगा क्योंकि अग्रिम समझौता हासिल होने के साथ ही उसे अवसर प्राप्त होगा कि अपने देशभक्तों को संग्रह करने और अन्य मोदर्न देशों के साथ भी सुदृढ़ और मजबूत संबंध स्थापित करने का। इसके पश्चात, यह नकारात्मक प्रभावों पर प्रश्नों के उत्तर और नकारात्मक सामग्री पर चिन्ता करके ऐसे संबंधों को विस्थापित करके रेलवे सौदों को मजबूत बनाएगा।