आजकल स्वास्थ्य सम्बंधित समस्याओं का समाधान खोजना बहुत मुश्किल काम हो गया है। ऐसे में, इंटरनेट पर विभिन्न प्रशासकीय मेडिसिनों के बारे में जानकारी प्राप्त करना भी चुनौतीपूर्ण हो सकता है। इसलिए, हमें इसे समझने और स्वीकार करने के लिए यथासंभव हर विषय पर सही और सत्यसंगत जानकारी की आवश्यकता होती है।
हाल ही में एक लोकप्रिय मेडिसिन के बारे में बहुत सी ख़बरें सामने आई हैं जिसमें लोगों द्वारा इसका उपयोग करने के बाद आँखों की रङ में परिवर्तन आने की रिपोर्टें आ रही हैं।
इस ख़ास मेडिसिन का नाम ‘अलाळटा’ है जो कि हाल ही में बाज़ार में आया है। हालांकि इसके लाभों के पीछे क्या है, वह अभी तक स्पष्ट नहीं हुए हैं। कई लोगों ने इसका उपयोग करने के बाद बदलते हुए आँखों के बारे में शिकायत की है। यह तथ्य दर्शाता है कि कोई ऐसी मेडिसिन का उपयोग करने से पहले हमें उसकी योग्यता का सूचना जरूर लेनी चाहिए।
अधिकांश मामलों में, यदि ख़ाने की कठोरता के प्रतिक्रियें आती हैं, तो उनका उपयोग छोड़ देना चाहिए। विशिष्ट मामलों में, हमें तत्पर रहना चाहिए क्योंकि ऐसे लोगों में हो सकती है परेशानियों की भी। आँखों में बदलता हुआ रंग सीधे संकेत हो सकता है की कोई अनर्गल तत्व उपस्थित हैं। ऐसे दशाओं में तुरंत चिकित्सा सहायता लेना चाहिए।
अगर हमें मान लेना है कि ‘अलाळटा’ नामक मेडिसिन का उपयोग करने के बाद आजीवन प्रभाव होता है, तो इमरजींसी चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराने का क्या अन्य रास्ता हो सकता है?
आँखों की सुरक्षा को लेकर ख़ास बचाव के उपाय भी अपना लेने चाहिए। आचार्यों और विज्ञानियों ने हमेशा बताया है कि जो मेडिसिन तथा औषधियों का उपयोग हम तब तक करें जब तक कि उसे विशेषज्ञों द्वारा मान्यता प्राप्त हो जाए।
ढाई सदियों से अधिक से अधिक मनुष्य इन्टरनेट पर एक बहुत अच्छी जगह पाने लगे हैं जहां से उनको सभी ख़ाने के बारे में जानकारी मिल सकती है। लेकिन शरीर को प्रभावित करने वाले किसी भी ऐसे मेडिसिन का उपयोग करने से पहले, हमें सत्यापित कर लेना चाहिए कि वह ब्रांड या निर्माण कंपनी विशेषज्ञों की नीतियों का पालन करती है और उसकी पुष्टि ही नहीं करती है।
इसलिए, जब भी कोई नई मेडिसिन या दवाई की तरफ प्रवृत्त हों तो हमें धारण करना चाहिए कि बिना विशेषज्ञ की सलाह प्राप्त किए हमें उनका उपयोग नहीं करना चाहिए।