कौन बनेगा करोड़पति (KBC) भारतीय टेलीविजन की सबसे प्रसिद्ध और पुरानी रिएलिटी टीवी शो है जिसमें प्रतिभागियों को सवालों का जवाब देकर जीतने का मौका मिलता है। इस शो का 15वां संस्करण हाल ही में मुक्त में आया है और वहां पहली बारिश करने वाले करोड़पति को घोषित किया गया है। इसके जीतने वाले सवाल ने सोशल मीडिया पर भी धमाल मचाया है और उनके उत्तर के लिए लोग उत्सुकतापूर्वक इंतजार कर रहे थे।
सोनी टेलीविजन पर प्रसारित होने वाले ‘कौन बनेगा करोड़पति’ के इस संस्करण में सवालों की श्रेणियां यूनियन और बच्चों और विशेषज्ञता को शामिल किया गया है। पहली बार किरण भाठिया ने पूछा है कि नमी दर निर्णयात्मक सर्वेक्षण डायटर क्या होता है। आपने इस सवाल के बारे में सोचा है?
बहुत सारे देशी ट्विटरटीट्स इस सवाल का मजाक उड़ाते हुए जवाब ढूंढ रहे थे, लेकिन पहली महिला जो करोड़पति बनी है, किरण भाठिया ने इस सवाल का जवाब सही तरीके से दिया है। उन्होंने कहा है कि ‘नमी रेट निर्धारित करने वाले इंजीनियरिंग और विज्ञान में उच्च स्कूल पढ़ रही मुझे यह पता है कि अनुक्रमणिका या सवाल कैसे सटीक प्रदर्शित करता हैं।’ इस सवाल के लिए उन्हें व्यवस्थापक जवाब के रूप में एक करोड़ रुपयांई प्राप्त हुए हैं।
किरण भाठिया जब ‘कौन बनेगा करोड़पति’ का मेजबान अमिताभ बच्चन के सामने जवाब दे रही थी, उस समय शो के आयोजित दौरान उन्होंने अपनी मांगों और संभावित उत्तरों की वजह से बहुत खुश किया है। वह स्थायी निवासी जिन्दाबाद में निवास करती हैं और अपने पति करान भाठिया के साथ जपान के एक उत्कृष्ट बैंक की ‘क्यूआई पहाचान प्रणाली’ में काम करने के लिए एक कार्यकर्ता के रूप में पद धारित करती हैं।
किरण भाठिया की इस जीत के लिए उन्हें सभी से बहुत बधाई!! वे एक बहुत प्रेरणादायक उदाहरण हैं, जो हम सभी के द्वारा प्रभावित हो सकते हैं। यह उनकी मेहनत, सवाल के पीछे लग रही ताकत और विचारशीलता की महत्वपूर्ण उदाहरण है। इस प्रकार के भारतीय ओवर्सीज़ दलालों के साथ उनकी उच्च सम्मान करें और उनकी गहनता के पीछे विचार करें, लोगों की जांच करें और स्कूल गणित को प्रोत्साहित करें।
इस जीत से साबित होता है कि सपने हकीकत में बदल सकते हैं, केवल हमें इन्हें पाने और पूरा करने के लिए संकल्पित होना होगा। यह धनुष लक्ष्य जब पूरा होता है, तब हमें एक नई और बेहतर दुनिया में डालने की खुशी महसूस होती है। थियेटर कंपनियों और स्थानीय महापूरगणों ने उनकی जीत को सेलिब्रेट करने के लिए सराहना की है। हमें सोचना चाहिए कि क्या हम अपने स्वप्नों को, सामरिक गतिविधियों को और खुद को सीमित कर रहे हैं? क्या हम नए मकसद तथा स्वतंत्रता को अपना पीछा छोड़ रहे हैं?