आज के युग में कुछ ऐसे व्यक्ति हैं, जिनकी कहानी देखने योग्य होती है। इस दौर की उम्र में जहां अधिकांश बच्चे वीडियो गेम में खो जाते हैं, ऐसे ही एक अद्भुत लड़के ने अपने क्षेत्र में बड़ा सबूत दिया है। यह कहानी है उस लड़के की, जिसने केबीसी को जीतकर अधिकारी बन गया।
यह अद्वीत्य लड़का अलंकार नामक था और वह दोस्तों के बीच मशहूर था। उसकी गुणवत्ता, बुद्धिमत्ता, और जिज्ञासा उसे अलग बनाती थी। उम्र 14 वर्ष के होते हुए भी उसने लोगों को अपनी बातों में दीवाना कर दिया था। एक दिन, उसके इंटेलिजेंट दोस्त उसे सामान्य ज्ञान प्रदान करने के लिए कहें कि क्यों न केबीसी में हिस्सा लें।
यह सुझाव था जिसे वह अपने दिल की करने लगा। उसने इंटरनेट पर जाकर केबीसी के नियमों और प्रक्रिया के बारे में पढ़ा, वीडियो जंक्शन देखकर और ट्रेनिंग सेट छोटा कर लिया था ताकि वह तैयार हो सके। वह जाना चाहता था कि क्या वह इस चुनौती का सामना करने के योग्य है या नहीं। उसने इस डाउट में कैसे खुद को पारित किया है, आप कुछ ही समय में जान जाएंगे।
मौजूदा लेख के अनुसार, उसने बड़े होने में अड़चनों का सामना किया, खुशी के बावजूद वह जीवन के हर मोड़ पर खुद को स्थिर बनाए रखने के लिए तैयार रहा। प्रहुष, उनकी पाठशाला के एक अध्यापक, केबीसी में उत्तीर्ण करने की तैयारी करने के लिए उसे मार्गदर्शन करते रहे।
उसकी कठिनाइयों से मुकाबला करते हुए, वह सभी प्रश्नों का सही उत्तर देने के लिए 14 साल की उम्र में ही केबीसी में भाग लिया। उसकी बुद्धिमत्ता और सूक्ष्मता ने सभी को हकीकत साबित कर दी। एक बार ‘ हाउ सं…! कैसे सुखद वक्त निकालते हो?” सवाल उठा दिया।
उसने खुद को 1 करोड़ रुपये तक पहुंचाई! यह तो उसकी जीत थी जो नहीं थी केवल आदिकारी बनने के लिए, बल्कि एक नयी प्रेरणा के लिए। अधिकारी बनने की मेहनत और लगन ने उसे अपने लक्ष्यों के प्रति एक नई दृष्टि दी।
भविष्य में पुलिस अधिकारी बनकर, उसने अपने परिवार और देश के लिए अपनी सेवाएं देने की प्रतिज्ञा की। उसने लोगों के मन से प्रेरणा की है, और वह आज भी देशभक्ति, सामरिक तैयारी और संघटना करने में लगा हुआ है। एक ऐसा बच्चा जिसने लोगों को दिखा दिया है कि आपकी उम्र आपके सपनों और लक्ष्यों के विपरीत नहीं होती है।
अद्वीत्य ने देखा है कि व्यक्ति की क्षमता और परख प्राथमिकता होती है, उन्हें उर्दूजब करने की आवश्यकता नहीं होती है।।