हमारे देश में बैंक सेवाएं सबसे महत्वपूर्ण हो गई हैं। चाहे व्यक्ति ग्रामीण क्षेत्र में रहे या शहरी क्षेत्र में, बैंकों का महत्व हर जगह महसूस होता है। इन बैंकों ने हमारी संपत्ति सुरक्षित रखने, नए मुद्रा जारी करने, ऋण देने आदि कार्यों से हमेशा मदद की हैं।
लेकिन क्या आपने सोचा है कि आपका अधिकार क्या है जब आप बैंक में जाते हैं और वहां कर्मचारियों का प्रशासनिक लंच चल रहा होता है? क्या आपको अपनी समस्या को सुलझाने के लिए बैंक के दूसरे कर्मचारी के पास जाना पड़ता है? देश के याचिका अधिकार का कार्यान्वयन करते हुए, सरकार के द्वारा बैंकों को एक महत्वपूर्ण नियम लागू किया गया है, जिसका मतलब यह है कि बैंक में लंच के दौरान भी आपको फिर काम करने का अधिकार है।
बैंकों में आपका अधिकार को सुरक्षित रखने के लिए भारतीय सरकार ने बैंक न्यायालयों का निर्माण किया है, जहां आप अपनी शिकायतों को दर्ज करा सकते हैं। इन न्यायालयों का मकसद हमेशा सच्चाई की जांच करना होता है और अगर कोई जनहित में बैंक जिम्मेदार नहीं हो रहा हो तो वहां अदालतें कार्रवाई करती हैं।
अब एक और अच्छा समाचार है कि बैंक में लंच के दौरान काम अब आपका प्रशासनिक अधिकार भी है। दरअसल, अब आपको लंच के समय कर्मचारियों के साथी के साथ काम करने की अनुमति है। यह नियम 2017 में अमिताभ बच्चन द्वारा लिया गया है, जब उन्होंने एक ट्विटर पोस्ट के माध्यम से एक सवाल उठाया था कि क्या बैंक के दरवाजे लंच के दौरान बंद हो सकते हैं? उन्हें जवाब मिला कि नहीं, बैंक के कर्मचारियों को अपने कार्य के दौरान पूरी सुविधा मिलनी चाहिए।
उसके बाद, भारतीय बैंक संघ (IBA) ने चर्चा की और इस नियम को लागू करने के फैसला लिया। इसलिए, अब बैंकों में आपका अधिकार है कि आप लंच के समय कर्मचारियों के साथी के साथ अपनी समस्या को हल करने के लिए पहुंच सकें। यदि किसी कारीगरों की तरह, बैंक कर्मचारी आपकी समस्या को सुलझाने में असमर्थ हैं, तो आप बैंक न्यायालय में अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। इस से न केवल आपकी समस्या हल होगी, बल्कि यह एक संदेश भी देगा कि आपके जैसे ग्राहकों का भी सम्मान करना और अधिकतम सुविधा प्रदान करना बैंकों की जिम्मेदारी है।
इसलिए, यदि आप बैंक में किसी भी समस्या का सामना कर रहे हैं, तो आपको किसी भी समय उसे हल कराने का अधिकार है। लंच के समय भी अपनी शिकायत को लेकर आप बैंक में प्रवेश कर सकते हैं और उसका हल प्राप्त कर सकते हैं। बैंकों में हर ग्राहक को समानाधिकार हैं और वे हमेशा अपनी समस्याओं को हल करने के लिए नियमों का उपयोग कर सकते हैं। अधिकार सुखद होने के कारण, भारतीय बैंकिंग प्रणाली और उसके कर्मचारी सदैव ग्राहकों के द्वारा सम्मानित होते रहते हैं।